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Teachers’ Transfer Policy 2025: अब शिक्षकों के ट्रांसफर होंगे अधिक पारदर्शी, मेरिट और विशेष श्रेणी को प्राथमिकता
हरियाणा सरकार ने शिक्षा विभाग में लंबे समय से लंबित ट्रांसफर से जुड़ी बड़ी परेशानी को दूर करते हुए Teachers’ Transfer Policy 2025 को मंजूरी दे दी है। नई नीति का मकसद स्कूलों में शिक्षक उपलब्धता को संतुलित करना, मेरिट के आधार पर पोस्टिंग देना और स्थानांतरण प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाना है। सरकार का कहना है कि यह नीति विद्यार्थियों की शिक्षा गुणवत्ता और शिक्षकों की कार्य-सुविधा दोनों को बेहतर करेगी।
नई ट्रांसफर नीति के तहत, अब शिक्षकों के स्थानांतरण एक स्वचालित, ऑनलाइन और पॉइंट-बेस्ड सिस्टम के माध्यम से होंगे। इसके लिए विभिन्न मानदंड तय किए गए हैं जिनके आधार पर प्रत्येक शिक्षक को अंक मिलेंगे और उसी के अनुसार उनकी पोस्टिंग निर्धारित की जाएगी। इससे मनमानी, पक्षपात और सिफारिश आधारित ट्रांसफर की समस्याएं काफी हद तक खत्म होंगी।
विशेष श्रेणी (Special Category) के अंतर्गत आने वाले शिक्षक—जैसे कि 70% से अधिक विकलांगता वाले, विधवा महिलाएँ, गंभीर बीमारी से ग्रस्त शिक्षक, सेवानिवृत्ति के नजदीक बुज़ुर्ग कर्मचारी और वीरांगना/शहीद परिवार से जुड़े शिक्षक—को प्राथमिकता दी जाएगी। सरकार का मानना है कि इस श्रेणी के कर्मचारियों को घर के नजदीक पोस्टिंग देने से उनकी व्यक्तिगत और पारिवारिक समस्याएँ काफी हद तक कम होंगी।
इसके अलावा, नीति में सख्त स्कूल-स्टाफ संतुलन का प्रावधान भी शामिल है। जिन स्कूलों में विषय के अनुसार शिक्षक कम हैं, उन्हें पहले मानव संसाधन उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं, जिन स्कूलों में किसी विषय के अधिक शिक्षक कार्यरत हैं, उनका समायोजन अन्य स्कूलों में किया जाएगा। इससे पूरे राज्य में शिक्षकों का वितरण अधिक न्यायसंगत और आवश्यकतानुसार होगा।
सरकार का कहना है कि नई नीति न केवल शिक्षकों के लिए राहत है, बल्कि विद्यार्थियों के हित में भी बड़ा कदम है। लंबे समय से कई स्कूलों में गणित, विज्ञान, अंग्रेजी और कंप्यूटर जैसे विषयों के शिक्षक कम होने की शिकायतें मिलती थीं। नई ट्रांसफर प्रणाली इन समस्याओं को काफी हद तक दूर करेगी।
ट्रांसफर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि सभी आवेदन, मेरिट-लिस्ट, पॉइंट-कैल्कुलेशन और स्कूल आवंटन की जानकारी पोर्टल पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध रहेगी। इससे किसी भी प्रकार के विवाद या अपील में पारदर्शिता बनी रहेगी।
वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, नई नीति शिक्षकों के बीच संतुलन, स्थिरता और मोटिवेशन बढ़ाएगी। कई वर्षों से एक ही जगह कार्य कर रहे शिक्षकों को भी अब इच्छित स्थान के लिए एक समान अवसर मिलेगा। वहीं, ग्रामीण या दूरदराज के स्कूलों में स्टाफ की कमी को भी प्रभावी ढंग से दूर किया जा सकेगा।
शिक्षक संगठनों ने इस नीति का स्वागत किया है, हालांकि कुछ ने सुझाव दिया है कि विशेष परिस्थिति वाले शिक्षकों के लिए और अधिक लचीलापन दिया जाना चाहिए। सरकार का कहना है कि आने वाले समय में जरूरत के अनुसार नीति में सुधार भी किए जा सकते हैं।