Haryana Cabinet Decision: वाहनों की लाइफ-सीमा तय, NCR में 10–12 साल और Non-NCR में 12–15 साल तक चल सकेंगे वाहन देखें पूरी खबर

Haryana Cabinet Decision: वाहनों की लाइफ-सीमा तय, NCR में 10–12 साल और Non-NCR में 12–15 साल तक चल सकेंगे वाहन

हरियाणा सरकार ने पर्यावरण संरक्षण, सड़क सुरक्षा और परिवहन व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए वाहनों की अधिकतम लाइफ-सीमा को नया रूप दिया है। हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने पेट्रोल, CNG और डीज़ल वाहनों की उपयोग-सीमा को स्पष्ट रूप से निर्धारित कर दिया है। इस फैसले का सीधा असर पूरे राज्य के वाहन मालिकों, Transporters, tourist operators और Commercial वाहन चलाने वालों पर पड़ेगा।
सरकार के अनुसार, NCR (National Capital Region) क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण स्तर को ध्यान में रखते हुए पेट्रोल और CNG वाहनों की लाइफ सीमा अधिकतम 12 साल, जबकि डीज़ल वाहनों की अधिकतम 10 साल तय की गई है। यह फैसला दिल्ली-NCR क्षेत्र में लागू मौजूदा नियमों के अनुरूप है, जिससे क्षेत्रीय परिवहन नियमों में एकरूपता आएगी और प्रदूषण पर बेहतर नियंत्रण हो सकेगा।
वहीं दूसरी ओर, गैर-NCR (Non-NCR) क्षेत्रों में वाहनों को थोड़ा ज्यादा समय तक उपयोग करने की छूट दी गई है। यहां पेट्रोल और CNG वाहनों को 12 से 15 साल तक चलाया जा सकेगा, जबकि डीज़ल वाहनों के लिए भी राज्य ने उम्र सीमा में नरमी बरती है। यह छूट ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में बसे लाखों वाहन मालिकों के लिए राहत भरी खबर है, क्योंकि यहां प्रदूषण स्तर NCR की तुलना में काफी कम होता है।
सरकार का कहना है कि यह नई लाइफ-सीमा केवल पुराने वाहनों को हटाने का फैसला नहीं है, बल्कि यह लोगों को प्रदूषण रहित और सुरक्षित वाहनों की ओर बढ़ावा देने की दिशा में उठाया गया कदम है। साथ ही, कैबिनेट ने यह भी स्पष्ट किया कि नियमों के लागू होने के बाद आरटीओ कार्यालय Fitting, fitness tests and aggregator fleet monitoring को लेकर सख्त कार्रवाई करेंगे। फिटनेस पास नहीं होने वाले वाहनों को सड़क पर चलने की अनुमति नहीं मिलेगी।
ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारी बताते हैं कि इस नीति का सीधा फायदा इलेक्ट्रिक और CNG वाहनों को मिलेगा, क्योंकि राज्य इन ग्रीन फ्यूल वाहनों को बढ़ावा देना चाहता है। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में हरियाणा को देश के अग्रणी ग्रीन ट्रांसपोर्ट राज्यों में शामिल किया जा सके।
Tourist  बस, टैक्सी और Commercial  वाहन ऑपरेटरों ने इस फैसले का स्वागत किया है, लेकिन कुछ ने यह भी मांग की है कि सरकार नए वाहनों की खरीद पर सब्सिडी या टैक्स में राहत दे ताकि छोटे ऑपरेटरों पर बोझ कम हो सके। हालांकि, परिवहन विभाग का कहना है कि नई नीति लागू होने से सड़क सुरक्षा बेहतर होगी, पुराने वाहनों से होने वाला धुआँ कम होगा और प्रदूषण नियंत्रण में बड़ी मदद मिलेगी। कुल मिलाकर, हरियाणा सरकार का यह फैसला एक दीर्घकालिक नीति का हिस्सा है, जो साफ हवा, सुरक्षित यात्राओं और बेहतर सार्वजनिक परिवहन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है

 

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