रेलवे कवच 4.0 लॉन्च: ट्रेन हादसों पर लगेगा मजबूत ब्रेक

रेलवे कवच 4.0 लॉन्च: ट्रेन हादसों पर लगेगा मजबूत ब्रेक

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने यात्री सुरक्षा को नई ऊंचाई देने के लिए Automatic Train Protection System ‘कवच 4.0’ को प्रमुख रेलमार्गों पर चालू कर दिया है। सितंबर 2025 तक 654 किलोमीटर ट्रैक, 155 स्टेशन और 2,892 इंजनों पर यह उन्नत तकनीक स्थापित हो चुकी है। रेल मंत्रालय ने आरटीआई के जवाब में इसकी जानकारी साझा की, जो ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकने में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।
कवच 4.0 की प्रमुख विशेषताएं
कवच 4.0 लोको पायलट को निर्धारित गति सीमा का पालन करने में सहायता प्रदान करता है और ओवरस्पीडिंग या सिग्नल पास न करने पर स्वतः ब्रेक लगा देता है। इसमें बढ़ी हुई स्थान सटीकता, बड़े यार्डों में बेहतर सिग्नल जानकारी और मौजूदा इंटरलॉकिंग सिस्टम से सीधा इंटरफेस जैसी सुविधाएं शामिल हैं। यह पूरी तरह भारत में डिजाइन व विकसित प्रणाली है, जिसका पहला परीक्षण 2016 में शुरू हुआ था।
मथुरा-नागदा खंड (549 किमी) कोटा-मथुरा (324 किमी) और कोटा-नागदा (225 किमी) सेक्शन सहित पूरी तरह कवर हो चुका है। पूर्व रेलवे के हावड़ा-बर्धमान (105 किमी) मार्ग पर भी यह सक्रिय है। इन क्षेत्रों में कोहरे या खराब मौसम में भी सुरक्षित संचालन सुनिश्चित होगा।
रेलवे का विस्तार प्लान
देश के 18 रेलवे जोनों में कवच 4.0 का तेजी से विस्तार हो रहा है, जिसमें मई 2025 से 160 किमी/घंटा गति की मंजूरी मिल चुकी है। दक्षिण मध्य रेलवे में प्रारंभिक परीक्षण के बाद अब बड़े पैमाने पर तैनाती शुरू हो गई है। इससे मानवीय भूलों से होने वाले हादसे 90 प्रतिशत तक कम हो सकते हैं।
यह कदम रेल यात्रियों के लिए वरदान साबित होगा, खासकर व्यस्त मार्गों पर। रेलवे मंत्रालय ने जल्द ही और अधिक ट्रैक कवर करने का लक्ष्य रखा है।